Difference between revisions of "शिक्षा"
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मनष्य पैदा होते ही कुछ सीखकर् नहीं आता| समय और प्रयत्न के साथ सीख लेते हैं|<br> श्रम के बिना कुछ हासिल नहीं कर सकते|<br> | मनष्य पैदा होते ही कुछ सीखकर् नहीं आता| समय और प्रयत्न के साथ सीख लेते हैं|<br> श्रम के बिना कुछ हासिल नहीं कर सकते|<br> |
Revision as of 16:45, 23 November 2015
शिक्षा
1)पाठ योजना
१) संदर्भ
२) उद्देश्य
३) कवि परिचय
४) पाठयोजना
५) अतिरिक्त संसाधन
६) सारांश
१) भाषा वैविद्य
संदर्भ
मनष्य पैदा होते ही कुछ सीखकर् नहीं आता| समय और प्रयत्न के साथ सीख लेते हैं|
श्रम के बिना कुछ हासिल नहीं कर सकते|
इस कविता में कवि अनुभव के द्वारा शिक्षा पाने के अनेक उदाहरण दिये गये हैं|
जीवन में यश प्राप्त करने के लिए अनेक प्रकार की मुसीबतॊं का सामना करना पडता हैं
| बिन परिश्रम के हम कभी सुख प्राप्त नहीं कर सकते|
उद्देश्य
उद्देश्य:सामान्य
१. रसग्रहण करना
२. प्रशंसा करना
३. कविताओं में रुची उत्पन्न करना|
४. शब्दकोश का उपयोग कराना |
५. राग ताल के साथ गायन करना |
विशिष्ट उद्देश्य
१. प्रयत्न से सफ़लता मिलती है|
२. कुछ पाने के लिए कुछ् खोना पडता है
३. यश की प्राप्ती आसान नहीं है|
४. कवी परिचय कराना |
कवि परिचय
कवि नाम : ठाकुर गोपालशरण सिंहclick here
जन्म स्थान : रीवाँ (झाँसी) click here
माता का नाम : प्रभुराज कुंवारी
पिता का नाम : ठाकूर जगत बहादूर सिंह था|
रचनाएँ : जगदालोक, माधवी, मानवी, कादंबिनी, ज्यॊतिष्मती, संचिता, सुमन, विश्वगीत और ग्रमिक आदि|
पाठयोजना
इस कविता के लिए ५ अवधि की आवश्यकता है |पहली अवधि में संगीत साधनों की पहचानने का क्रियाकलाप् |
दॊसरे अवधी में कविता पढते हुए राग संयोजन करेंगे | र्दॊसरा कियाकलाप् करेंगे | तीसरे अवधी में शब्दकोश का
उपयोग , ऒर भावार्थ करायेंगें | चॊते अवधी में अब्यास के प्रश्नोत्तर | पांचवे अवधी में अतिरिक्त गीत, आदी संसाधन
को दिखायेंगें | संसाधनों को बीच् में भी दिखा सकते हैं|
अतिरिक्त संसाधन
१. बाँसुरी
२. सैनिक गीत
३. रोना
५. हँसना
सारांश
कियाकलाप १
संगीत साधनों को पहचानना
बच्चों के सामने संगीत के कुछ साधमों को रखेंगे | एक झुंड के बच्चॊं से उसके नाम कन्नड में बताने के लिए
कहेंगे| दूसरे झुंड के बच्चॊं से श्यांपठ पर लिखने केलिए कहेंगे | तीसरे
झुंड के बच्चों से जितना हो सकता है, उतना हिंदी में कहेने के लिए कहेंगे |
चॊते झुंड से श्यांपट पर लिखने के लिए कहेंगे|
किया कलाप् २
चार झुंड बनाकर पतंग बनवाना |
कियाकलाप् - ३
सामूहिक गायन करवाना |
दो झुण्ड बनाकर पहले झुंड के बच्चॊ से कविता का राग से गायन करवाना |
दॊसरे झुंड से कोई एक संगीत साधनों की सहायता से गायन कराना | दोनों का फ़र्क् बताना |
भाषा वैविद्य
शब्दकोश् :-इस कविता में प्रयुक्त कठिन शब्दॊं कॊ
पहचानकर उच्चारण कराते हुए शब्दकॊश में ढूंढना|
व्याकरण :-विलॊम शब्द, पर्यायवाची शब्द
सुनना :-आडियॊ द्वारा सैनिक गीता सुनना
बोलना :- कॊई संगीत वाद्यॊं के बारे में पाँच वाक्य बताना|
मूल्यांकन : अपने शब्दॊं में कविता का भावार्थ बताना|
परियोजना : भारत् की नक्षा बनाकर उसमें नदियॊं का स्थान अंकित करो|
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