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६) सारांश <br>
 
६) सारांश <br>
 
१) भाषा वैविद्य <br>
 
१) भाषा वैविद्य <br>
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=''' संदर्भ'''=
 
=''' संदर्भ'''=
 
मनष्य  पैदा होते ही कुछ सीखकर् नहीं आता| समय और  प्रयत्न के साथ सीख लेते हैं|<br> श्रम के बिना कुछ हासिल नहीं कर सकते|<br>
 
मनष्य  पैदा होते ही कुछ सीखकर् नहीं आता| समय और  प्रयत्न के साथ सीख लेते हैं|<br> श्रम के बिना कुछ हासिल नहीं कर सकते|<br>
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पिता का नाम : ठाकूर जगत बहादूर सिंह था|<br>
 
पिता का नाम : ठाकूर जगत बहादूर सिंह था|<br>
 
रचनाएँ : जगदालोक, माधवी, मानवी, कादंबिनी, ज्यॊतिष्मती, संचिता, सुमन, विश्वगीत और ग्रमिक आदि|<br>
 
रचनाएँ : जगदालोक, माधवी, मानवी, कादंबिनी, ज्यॊतिष्मती, संचिता, सुमन, विश्वगीत और ग्रमिक आदि|<br>
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='''पाठयोजना'''=
 
='''पाठयोजना'''=
 
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