Difference between revisions of "हिन्दी: व्याकरण"
Line 21: | Line 21: | ||
# अयादि सन्धि <br> | # अयादि सन्धि <br> | ||
− | + | ==दीर्घ सन्धि== | |
अ, इ, उ, लघु या ह्रस्व स्वर हैं और आ, ई, ऊ गुरु या दीर्घ स्वर। अतः<br> | अ, इ, उ, लघु या ह्रस्व स्वर हैं और आ, ई, ऊ गुरु या दीर्घ स्वर। अतः<br> | ||
+ | |||
+ | अ या आ के साथ अ या आ के मेल से ‘आ’; ‘इ’ या ‘ई’ के साथ ‘इ’ या ई के मेल से ‘ई’<br> | ||
+ | |||
+ | तथा उ या ऊ के साथ उ या ऊ के मेल से ‘ऊ’ बनता है। जैसे:<br> | ||
+ | |||
+ | अ+अ – आ<br> | ||
+ | |||
+ | नयन + अभिराम = नयनाभिराम<br> | ||
+ | |||
+ | चरण + अमृत = चरणामृत<br> | ||
+ | |||
+ | परम + अर्थ = परमार्थ<br> | ||
+ | |||
+ | स + अवधान = सावधान<br> | ||
+ | |||
+ | विच्छेद<br> | ||
+ | |||
+ | रामानुज = राम + अनुज गीतांजलि = गीत + अंजलि<br> | ||
+ | |||
+ | सूर्यास्त = सूर्य + अस्त मुरारि = मुर + अरि<br> | ||
+ | |||
+ | अ + आ = आ<br> | ||
+ | |||
+ | देव + आलय = देवालय सत्य + आग्रह = सत्याग्रह<br> | ||
+ | |||
+ | रत्न + आकर = रत्नाकर कुश + आसन = कुशासन<br> | ||
+ | |||
+ | विच्छेद<br> | ||
+ | |||
+ | छात्रावास = छात्र + आवास देवानन्द = देव + आनन्द<br> | ||
+ | |||
+ | दीपाधार = दीप + आधार प्रारम्भ = प्र + आरम्भ<br> | ||
+ | |||
+ | आ + अ = आ<br> | ||
+ | |||
+ | सेना + अध्यक्ष = सेनाध्यक्ष विद्या + अर्थी = विद्यार्थी<br> | ||
+ | |||
+ | तथा + अपि = तथापि युवा + अवस्था= युवावस्था<br> | ||
+ | |||
+ | विच्छेद<br> | ||
+ | |||
+ | कक्षाध्यापक = कक्षा + अध्यापक श्रद्धांजलि = श्रद्धा +अंजलि<br> | ||
+ | |||
+ | सभाध्यक्ष = सभा + अध्यक्ष द्वारकाधीश = द्वारका + अधीश<br> | ||
+ | |||
+ | आ + आ = आ<br> | ||
+ | |||
+ | विद्या + आलय = विद्यालय महा + आशय = महाशय<br> | ||
+ | |||
+ | प्रतीक्षा+आलय = प्रतीक्षालय श्रद्धा + आलु = श्रद्धालु<br> | ||
+ | |||
+ | विच्छेद<br> | ||
+ | |||
+ | चिकित्सालय = चिकित्सा + आलय<br> | ||
+ | |||
+ | कृपाकांक्षी = कृपा + आकांक्षी<br> | ||
+ | |||
+ | मायाचरण = माया + आचरण<br> | ||
+ | |||
+ | दयानन्द = दया + आनन्द<br> | ||
+ | |||
+ | इ + इ = ई<br> | ||
+ | |||
+ | रवि + इन्द्र = रवीन्द्र अभि + इष्ट = अभीष्ट<br> | ||
+ | |||
+ | विच्छेद<br> | ||
+ | |||
+ | गिरीन्द्र = गिरि + इन्द्र अधीन = अधि + इन<br> | ||
+ | |||
+ | इ + ई = ई<br> | ||
+ | |||
+ | हरि + ईश = हरीश परि + ईक्षा = परीक्षा<br> | ||
+ | |||
+ | विच्छेद<br> | ||
+ | |||
+ | अभीप्सा = अभि + ईप्सा अधीक्षक = अधि + ईक्षक<br> | ||
+ | |||
+ | ई + इ = ई<br> | ||
+ | |||
+ | मही + इन्द्र = महीन्द्र लक्ष्मी + इच्छा = लक्ष्मीच्छा<br> | ||
+ | |||
+ | विच्छेद<br> | ||
+ | |||
+ | फणीन्द्र = फणी + इन्द्र श्रीन्दु = श्री + इन्दु<br> | ||
+ | |||
+ | ई + ई = ई<br> | ||
+ | |||
+ | नारी + ईश्वर = नारीश्वर जानकी + ईश = जानकीश<br> | ||
+ | |||
+ | विच्छेद<br> | ||
+ | |||
+ | रजनीश = रजनी + ईश नदीश = नदी + ईश<br> | ||
+ | |||
+ | उ + उ = ऊ<br> | ||
+ | |||
+ | भानु + उदय = भानूदय गुरु + उपदेश = गुरूपदेश<br> | ||
+ | |||
+ | विच्छेद<br> | ||
+ | |||
+ | लघूत्तर = लघु + उत्तर कटूक्ति = कटु + उक्ति<br> | ||
+ | |||
+ | ऊ + ऊ = ऊ<br> | ||
+ | |||
+ | भू + ऊध्र्व = भूध्र्व<br> | ||
+ | |||
+ | भू + ऊष्मा = भूष्मा<br> | ||
+ | |||
+ | विच्छेद<br> | ||
+ | |||
+ | चमूर्जा = चमू + ऊर्जा<br> | ||
+ | |||
+ | सरयूर्मि = सरयू + ऊर्मि<br> |
Revision as of 10:38, 3 October 2016
संधि
दो ध्वनियों (वर्णों) के परस्पर मेल को सन्धि कहते हैं।
अर्थात् जब दो शब्द मिलते हैं तो प्रथम शब्द की अन्तिम ध्वनि (वर्ण)तथा मिलने वाले शब्द की प्रथम ध्वनि के मेल से जो विकार होता है उसे सन्धि कहते हैं।
ध्वनियों के मेल में स्वर के साथ स्वर (राम+अवतार), स्वर के साथ व्यंजन (आ+छादन), व्यंजन के साथ व्यंजन (जगत्+नाथ), व्यंजन के साथ स्वर (जगत्+ईश),विसर्ग के साथ स्वर (मनःअनुकूल) तथा विसर्ग के सा
प्रकार: सन्धि तीन प्रकार की होती है
- स्वर सन्धि
- व्यंजन सन्धि
- विसर्ग सन्धि
स्वर सन्धि
स्वर के साथ स्वर के मेल को स्वर सन्धि कहते हैं। हिन्दी में स्वर ग्यारह होते हैं। यथा-अ,आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ तथा व्यंजन प्रायः स्वर की सहायता से बोले जाते हैं।
जैसे ‘राम’ में ‘म’ में ‘अ’ स्वर निहित है। ‘राम+अवतार- में ‘म- का ‘अ- तथा अवतार के ‘अ’ स्वर का मिलन होकर सन्धि होगी।
स्वर सन्धि पाँच प्रकार की होती है
- दीर्घ सन्धि
- गुण सन्धि
- वृद्धि सन्धि
- यण सन्धि
- अयादि सन्धि
दीर्घ सन्धि
अ, इ, उ, लघु या ह्रस्व स्वर हैं और आ, ई, ऊ गुरु या दीर्घ स्वर। अतः
अ या आ के साथ अ या आ के मेल से ‘आ’; ‘इ’ या ‘ई’ के साथ ‘इ’ या ई के मेल से ‘ई’
तथा उ या ऊ के साथ उ या ऊ के मेल से ‘ऊ’ बनता है। जैसे:
अ+अ – आ
नयन + अभिराम = नयनाभिराम
चरण + अमृत = चरणामृत
परम + अर्थ = परमार्थ
स + अवधान = सावधान
विच्छेद
रामानुज = राम + अनुज गीतांजलि = गीत + अंजलि
सूर्यास्त = सूर्य + अस्त मुरारि = मुर + अरि
अ + आ = आ
देव + आलय = देवालय सत्य + आग्रह = सत्याग्रह
रत्न + आकर = रत्नाकर कुश + आसन = कुशासन
विच्छेद
छात्रावास = छात्र + आवास देवानन्द = देव + आनन्द
दीपाधार = दीप + आधार प्रारम्भ = प्र + आरम्भ
आ + अ = आ
सेना + अध्यक्ष = सेनाध्यक्ष विद्या + अर्थी = विद्यार्थी
तथा + अपि = तथापि युवा + अवस्था= युवावस्था
विच्छेद
कक्षाध्यापक = कक्षा + अध्यापक श्रद्धांजलि = श्रद्धा +अंजलि
सभाध्यक्ष = सभा + अध्यक्ष द्वारकाधीश = द्वारका + अधीश
आ + आ = आ
विद्या + आलय = विद्यालय महा + आशय = महाशय
प्रतीक्षा+आलय = प्रतीक्षालय श्रद्धा + आलु = श्रद्धालु
विच्छेद
चिकित्सालय = चिकित्सा + आलय
कृपाकांक्षी = कृपा + आकांक्षी
मायाचरण = माया + आचरण
दयानन्द = दया + आनन्द
इ + इ = ई
रवि + इन्द्र = रवीन्द्र अभि + इष्ट = अभीष्ट
विच्छेद
गिरीन्द्र = गिरि + इन्द्र अधीन = अधि + इन
इ + ई = ई
हरि + ईश = हरीश परि + ईक्षा = परीक्षा
विच्छेद
अभीप्सा = अभि + ईप्सा अधीक्षक = अधि + ईक्षक
ई + इ = ई
मही + इन्द्र = महीन्द्र लक्ष्मी + इच्छा = लक्ष्मीच्छा
विच्छेद
फणीन्द्र = फणी + इन्द्र श्रीन्दु = श्री + इन्दु
ई + ई = ई
नारी + ईश्वर = नारीश्वर जानकी + ईश = जानकीश
विच्छेद
रजनीश = रजनी + ईश नदीश = नदी + ईश
उ + उ = ऊ
भानु + उदय = भानूदय गुरु + उपदेश = गुरूपदेश
विच्छेद
लघूत्तर = लघु + उत्तर कटूक्ति = कटु + उक्ति
ऊ + ऊ = ऊ
भू + ऊध्र्व = भूध्र्व
भू + ऊष्मा = भूष्मा
विच्छेद
चमूर्जा = चमू + ऊर्जा
सरयूर्मि = सरयू + ऊर्मि