Changes
From Karnataka Open Educational Resources
4,518 bytes added
, 04:06, 21 December 2016
Line 30: |
Line 30: |
| ==व्याकरण / सजावट / पिंगल== | | ==व्याकरण / सजावट / पिंगल== |
| =मूल्यांकन= | | =मूल्यांकन= |
| + | '''I. मौखिक प्रश्न :'''<br> |
| + | 1. आज की दुनिया कैसी है ?<br> |
| + | उत्तर :- आज की दिनिया विचित्र और नवीन है ।<br> |
| + | 2. मानव के हुक्म पर क्या चढ़ता और उतरता है ?<br> |
| + | उत्तर :- मानव के हुक्म पर पवन का ताप चढ़ता और उतरता है ।<br> |
| + | 3. परमाणु किसे देखकर काँपते हैं ?<br> |
| + | उत्तर :- परमाणु मनुष्य के करों को देखकर काँपते हैं ।<br> |
| + | |
| + | '''II. लिखित प्रश्न :'''<br> |
| + | अ. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :<br> |
| + | 1. ‘अभिनव मनुष’ कविता के कवि का नाम लिखिए ।<br> |
| + | उत्तर :- ‘अभिनव मनुष’ कविता के कवि का नाम है रामधारीसिंह दिनकर ।<br> |
| + | 2. आधुनिक पुरुष ने किस पर विजय पायी है ?<br> |
| + | उत्तर :- आधुनिक पुरुष ने प्रकृति के हर तत्व पर विजय पायी है ।<br> |
| + | 3. नर किन-किन को एक समान लाँघ सकता है ?<br> |
| + | उत्तर :- नर नदी, पहाड तथा समुद्र को एक समान लाँघ सकता है ।<br> |
| + | 4. आज मनुज का यान कहाँ जा रहा है ?<br> |
| + | उत्तर :- आज मनुज का यान गगन में जा रहा है ।<br> |
| + | |
| + | '''आ. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :'''<br> |
| + | 1. ‘प्रकृति पर सर्वत्र है विजयी पुरुष आसीन’ – इस पंक्ति का आशय समझाइए ।<br> |
| + | उत्तर :- इस पंक्ति का आशय है कि आज के मानव ने प्रकृति के हर तत्व पर (आकाश, पाताल, धरती) विजय प्राप्त कर ली है। अर्थात प्रकृति को अपने नियंत्रण में रखा है ।<br> |
| + | 2. दिनकर जी के अनुसार मानव का सही परिचय क्या है ?<br> |
| + | उत्तर :- दिनकर जी के अनुसार जो मानव आपस में भाई-चारा बढ़ाये तथा दूसरे मानव से प्रेम का |
| + | रिश्ता जोड़कर आपस की दूरी को मिटाए वही सच्चा ज्ञानी, विदवान एवं मानव कहलाने का |
| + | अधिकारी है ।<br> |
| + | 3. अभिनव मनुष्य कविता का दूसरा कौन-सा शीर्षक हो सकता है ? क्यों ?<br> |
| + | उत्तर :- इस कविता का दूसरा शीर्षक हो सकता है – ‘प्रकृति पुरुष’। क्यों कि मनुष्य ने लगभग |
| + | प्रकृति के हर तत्व पर अपने प्रयासों से विजय प्राप्त कर ली है । <br> |
| + | |
| + | '''इ. भावार्थ लिखिए :'''<br> |
| + | भावार्थ :<br> |
| + | कवि रामधारीसिंह दिनकर कहते हैं कि यह मनुष्य सृष्टि का श्रृंगार, ज्ञान और विज्ञान तथा |
| + | आलोक का आगार है । आकाश से पाताल तक की सब-कुछ जानकारी इसे है । परंतु यह |
| + | उसका सही परिचय नहीं है और न ही उसका श्रेय है ।<br> |
| + | |
| + | '''ई. तुकांत शब्दों के लिए उदाहरण :''' |
| + | 1. भाप – ताप<br> |
| + | 2. व्यवधान - अवसान<br> |
| + | 3. श्रृंगार – आगार<br> |
| + | 4. ज्ञय - श्रेय<br> |
| + | 5. जीत - प्रीत<br> |
| + | |
| =भाषा गतिविधियों / परियोजनाओं= | | =भाषा गतिविधियों / परियोजनाओं= |
| =पाठ प्रतिक्रिया= | | =पाठ प्रतिक्रिया= |