कबीर के दोहे

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कवि का परिचय

कबीर हिंदी साहित्य के महिमामण्डित व्यक्तित्व हैं। कबीर के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कुछ लोगों के अनुसार वे रामानन्द स्वामी के आशीर्वाद से काशी की एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से पैदा हुए थे, जिसको भूल से रामानंद जी ने पुत्रवती होने का आशीर्वाद दे दिया था। ब्राह्मणी उस नवजात शिशु को लहरतारा ताल के पास फेंक आयी।

कबीर के माता- पिता के विषय में एक राय निश्चित नहीं है कि कबीर "नीमा' और "नीरु' की वास्तविक संतान थे या नीमा और नीरु ने केवल इनका पालन- पोषण ही किया था। कहा जाता है कि नीरु जुलाहे को यह बच्चा लहरतारा ताल पर पड़ा पाया, जिसे वह अपने घर ले आया और उसका पालन-पोषण किया। बाद में यही बालक कबीर कहलाया।

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पाठयोजना

5 E's अधिगम बिंदु क्रियाकलाप

बोधन सामग्री तंत्र एवं साधन शिक्षक स्वावलोकन

ENGAGE पूर्व ज्ञान की जाँच कन्नड़ तथा हिंदी के सन्त एवं दास एवंकवियों चित्र दिखाकर उनकी कुछ सूक्तियों के बारे में चर्चा करना । कन्नड़ तथा हिंदी के सन्त एवं दास कवियों के चित्र अवलोकन - चर्चा
EXPLORE सूक्तियाँ छात्र अपने ज्ञान के आधार पर चर्चा करेंगे
EXPRESS *पाठ परिचय
  • कवि परिचय
  • रागबद्धता से *दोहों का गायन
  • शब्दार्थ
  • दोहों का अर्थ
  • शिक्षक पाठ परिचय के साथ कवी परिचय कराएँगे
  • दोहे गास्कर सुनाना तथा छात्रों से गवांना
  • दोहे में प्रयुक्त शब्दों के अर्थ की जानकारी देना ।
  • छात्रों की एक एक टोली के लिए एक एक दोहा देकर भावार्थ
*कवि परिचय का चार्ट
  • शदार्थो के चमक कार्ड
  • भावार्थ का चार्ट
  • मौखिक - अवलोकन
  • लिखित - परीक्षण सूची
लिखवाना ।
EXPAND *भाषाभ्यास
  • नए प्रश्न पर चर्चा
1.छात्रों की हर एक टोली को एक एक दोहा देकर उसमें आए लिंग संबन्धी शब्दों की सूची बनवाना ।

2.पठित दोहों की कन्नड़ के दास कवियों की रचनाओं से तुलना पर चर्चा करवाना ।

पुस्तक अवलोकन
EVALUATION आकलन बिंदु
  • सहभागिता
  • रागबद्ध गायन
  • भावाभिव्यक्ति
  • विषय के प्रति अभिरुचि
  • अन्य दास कवियों का ज्ञान

Contributed by K I DAMBAL ,G H S KOTUR, DHARWAD RURAL