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− | ===लेखक से परिचय=== | + | =परिकल्पना नक्षा= |
| + | =पृष्ठभूमि/संधर्भ= |
| + | सत्य मानव-जीवन की अनमोल विभूति है। जो अपने प्रति, अपनी आत्मा के प्रति, अपने कर्तव्यों के प्रति, परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति मन-वचन-क्रम से सच्चा रहता है वह इसी जीवन, इसी देह और इसी संसार में स्वर्गीय आनन्द प्राप्त करता है। उसके लिए सुख-शाँति और साधन संतोष की कमी नहीं रहती। |
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| + | सत्य मानव जीवन की सबसे शुभ और कल्याणकारी नीति है। इसका अवलम्बन लेकर चलने वाले जीवन में कभी असफल नहीं होते। यह बात मानी जा सकती है कि सत्य का आश्रय लेकर चलने पर प्रारम्भ में कुछ कठिनाई हो सकती है। किन्तु आगे चलकर उसका आशातीत लाभ होता है। सत्य, पुण्य की खेती है। जिस प्रकार अन्न की कृषि करने में प्रारम्भ में कुछ कठिनाई उठानी पड़ती हैं और उसकी फसल के लिए थोड़ी प्रतीक्षा भी करनी पड़ती है। किन्तु बाद में जब वह कृषि फलीभूत होती है तो घर, धन-धान्य से भर देती है। उसी प्रकार सत्य की कृषि भी प्रारम्भ में थोड़ा त्याग, बलिदान और धैर्य लेती है। किन्तु जब वह फलती है तो लोक से लेकर परलोक तक मानव-जीवन को पुष्पों से भर कर कृतार्थ कर देती है। |
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| + | सोर्स: यहाँ [http://literature.awgp.org/akhandjyoti/edition/1968/Jul/9 क्लिक कीजिये] |
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| + | =मुख्य उद्देष्य= |
| + | इस एकांकी मे चित्रित ईमानदारी से प्रेरित होकर छात्रो को प्रामाणिकता से जीना सीखना चाहिए। |
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| + | =लेखक से परिचय= |
| विष्णु प्रभाकर (२१ जून १९१२- ११ अप्रैल २००९) हिन्दी के सुप्रसिद्ध लेखक थे जिन्होने अनेकों लघु कथाएँ, उपन्यास, नाटक तथा यात्रा संस्मरण लिखे। उनकी कृतियों में देशप्रेम, राष्ट्रवाद, तथा सामाजिक विकास मुख्य भाव हैं।विष्णु प्रभाकर का जन्म उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के गांव मीरापुर में हुआ था। उनके पिता दुर्गा प्रसाद धार्मिक विचारों वाले व्यक्ति थे और उनकी माता महादेवी पढ़ी-लिखी महिला थीं जिन्होंने अपने समय में पर्दा प्रथा का विरोध किया था। उनकी पत्नी का नाम सुशीला था। विष्णु प्रभाकर की आरंभिक शिक्षा मीरापुर में हुई। बाद में वे अपने मामा के घर हिसार चले गये जो तब पंजाब प्रांत का हिस्सा था। घर की माली हालत ठीक नहीं होने के चलते वे आगे की पढ़ाई ठीक से नहीं कर पाए और गृहस्थी चलाने के लिए उन्हें सरकारी नौकरी करनी पड़ी। चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के तौर पर काम करते समय उन्हें प्रतिमाह १८ रुपये मिलते थे, लेकिन मेधावी और लगनशील विष्णु ने पढाई जारी रखी और हिन्दी में प्रभाकर व हिन्दी भूषण की उपाधि के साथ ही संस्कृत में प्रज्ञा और अंग्रेजी में बी.ए की डिग्री प्राप्त की। विष्णु प्रभाकर पर महात्मा गाँधी के दर्शन और सिद्धांतों का गहरा असर पड़ा। इसके चलते ही उनका रुझान कांग्रेस की तरफ हुआ और स्वतंत्रता संग्राम के महासमर में उन्होंने अपनी लेखनी का भी एक उद्देश्य बना लिया, जो आजादी के लिए सतत संघर्षरत रही। अपने दौर के लेखकों में वे प्रेमचंद, यशपाल, जैनेंद्र और अज्ञेय जैसे महारथियों के सहयात्री रहे, लेकिन रचना के क्षेत्र में उनकी एक अलग पहचान रही। | | विष्णु प्रभाकर (२१ जून १९१२- ११ अप्रैल २००९) हिन्दी के सुप्रसिद्ध लेखक थे जिन्होने अनेकों लघु कथाएँ, उपन्यास, नाटक तथा यात्रा संस्मरण लिखे। उनकी कृतियों में देशप्रेम, राष्ट्रवाद, तथा सामाजिक विकास मुख्य भाव हैं।विष्णु प्रभाकर का जन्म उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के गांव मीरापुर में हुआ था। उनके पिता दुर्गा प्रसाद धार्मिक विचारों वाले व्यक्ति थे और उनकी माता महादेवी पढ़ी-लिखी महिला थीं जिन्होंने अपने समय में पर्दा प्रथा का विरोध किया था। उनकी पत्नी का नाम सुशीला था। विष्णु प्रभाकर की आरंभिक शिक्षा मीरापुर में हुई। बाद में वे अपने मामा के घर हिसार चले गये जो तब पंजाब प्रांत का हिस्सा था। घर की माली हालत ठीक नहीं होने के चलते वे आगे की पढ़ाई ठीक से नहीं कर पाए और गृहस्थी चलाने के लिए उन्हें सरकारी नौकरी करनी पड़ी। चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के तौर पर काम करते समय उन्हें प्रतिमाह १८ रुपये मिलते थे, लेकिन मेधावी और लगनशील विष्णु ने पढाई जारी रखी और हिन्दी में प्रभाकर व हिन्दी भूषण की उपाधि के साथ ही संस्कृत में प्रज्ञा और अंग्रेजी में बी.ए की डिग्री प्राप्त की। विष्णु प्रभाकर पर महात्मा गाँधी के दर्शन और सिद्धांतों का गहरा असर पड़ा। इसके चलते ही उनका रुझान कांग्रेस की तरफ हुआ और स्वतंत्रता संग्राम के महासमर में उन्होंने अपनी लेखनी का भी एक उद्देश्य बना लिया, जो आजादी के लिए सतत संघर्षरत रही। अपने दौर के लेखकों में वे प्रेमचंद, यशपाल, जैनेंद्र और अज्ञेय जैसे महारथियों के सहयात्री रहे, लेकिन रचना के क्षेत्र में उनकी एक अलग पहचान रही। |
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| अधिक जानकारी के लिये यहाँ [https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A3%E0%A5%81_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A4%B0 क्लिक कीजिये] | | अधिक जानकारी के लिये यहाँ [https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A3%E0%A5%81_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A4%B0 क्लिक कीजिये] |
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| + | =अतिरिक्त संसाधन= |
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| + | =सारांश= |
| + | इस पाठ को पढने के लिये यहाँ [http://www.ktbs.kar.nic.in/New/Textbooks/class-x/language/hindi-3/class-x-language-hindi-3-chapter07.pdf क्लिक कीजिये।] |
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| + | =परिकल्पना= |
| + | छात्रो को सच्चाई के महत्व से अवगत कराना ताकि वे सच का साथ दे और झूट न बोले। |
| + | ==शिक्षक के नोट== |
| + | ==गतिविधि== |
| + | #विधान्/प्रक्रिया - अनुच्छेद लेखन |
| + | #समय - आधा घंटा (30 मिनट) |
| + | #सामग्री / संसाधन - विषय- ईमानदारी का महत्व |
| + | #कार्यविधि |
| + | #चर्चा सवाल - सब छत्रो को अपने विचार प्रस्तुत करने को कहे और उनपर विचार-विमर्श कीजिये। |
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| + | =भाषा विविधता= |
| + | ==शब्दकॊश== |
| + | शब्दकॊश का प्रयोग करने के लिये यहाँ [http://www.shabdkosh.com/ क्लिक कीजिये] |
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| + | ==व्याकरण / सजावट / पिंगल== |
| + | =मूल्यांकन= |
| + | '''I. मौखिक प्रश्न :'''<br> |
| + | 1. बसंत क्या-क्या बेचता था?<br> |
| + | उत्तर : बसंत छलनी, बटन तथा दियासलाई बेचता था।<br> |
| + | 2. बसंत के भाई का नाम क्या था?<br> |
| + | उत्तर : बसंत के भाई का नाम प्रताप था।<br> |
| + | 3. पं. राजकिशोर कौन थे?<br> |
| + | उत्तर : पं. राजकिशोर मजदूरों के एक नेता थे।<br> |
| + | 4. छलनी दाम क्या था?<br> |
| + | उत्तर : छलनी का दाम दो आना था।<br> |
| + | 5. बसंत और प्रताप कहाँ रहते थे?<br> |
| + | उत्तर : बसंत और प्रताप भीखू अहीर के घर में रहते थे।<br> |
| + | |
| + | '''II. लिखित प्रश्न :''' <br> |
| + | अ. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :<br> |
| + | 1. बसंत की सच्चाई एकांकी में कितने दृश्य हैं?<br> |
| + | उत्तर : बसंत की सच्चाई एकांकी में तीन दृश्य हैं।<br> |
| + | 2. एकांकी का प्रथम दृश्य कहाँ घटता है?<br> |
| + | उत्तर : एकांकी का प्रथम दृश्य बड़े नगर के बाज़ार में घटता है।<br> |
| + | 3. बसंत के घर पर डॉक्टर को कौन लेकर आता है?<br> |
| + | उत्तर : बसंत के घर पर डॉक्टर को अमरसिंह लेकर आता है।<br> |
| + | 4. पं. राजकिशोर के अनुसार बसंत में निहित दुर्लभ गुण क्या है?<br> |
| + | उत्तर : पं. राजकिशोर के अनुसार बसंत में निहित दुर्लभ गुण ईमानदारी है।<br> |
| + | 5. पं. राजकिशोर कहाँ रहते थे?<br> |
| + | उत्तर : पं. राजकिशोर किशनगंज में रहते थे।<br> |
| + | |
| + | '''आ. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :''' <br> |
| + | 1. छलनी से क्या-क्या कर सकते हैं?<br> |
| + | उत्तर : छलनी से दूध छान सकते हैं। इसके अलावा चाय भी छान सकते हैं।<br> |
| + | 2. बसंत राजकिशोर से क्या विनती करता है?<br> |
| + | उत्तर : बसंत राजकिशोर से बटन और दियासलाई लेने की विनती करता है। जब राजकिशोर के |
| + | द्वारा मना करने पर वह फीर से उन्हे छलनी लेने के लिए भी विनती करता है।<br> |
| + | 3. बसंत राजकिशोर से दो पैसे लेने से क्यों इनकार करता है?<br> |
| + | उत्तर : बसंत एक स्वाभिमानी लड़का था । वह मुफ्त में पैसे लेने को भीख समझता था। |
| + | इसलिए बसंत राजकिशोर से दो पैसे लेने से इनकार करता है ।<br> |
| + | 4. बसंत राजकिशोर के पास क्यों नहीं लौटा?<br> |
| + | उत्तर : बसंत नोट भुनाने के लिए बाज़ार की ओर गया। जब नोट भुनाकर वापस लौट रहा था तब |
| + | वह मोटर के नीचे आ गया। इससे उसके दोनो पैर कुचले गये। इसलिए वह राजकिशोर के |
| + | पास नहीं लौटा।<br> |
| + | 5. प्राताप राजकिशोर के घर क्यों आया?<br> |
| + | उत्तर : बसंत राजकिशोर द्वारा दिये गए नोट को भुनाकर वापस आते समय मोटर के नीचे |
| + | आ गया । इससे उसके दोनो पैर कुचले गये । इसलिए वह नहीं लौटा । छुट्टे पैसे वापस |
| + | देने के लिए प्रताप राजकिशोर के घर आया ।<br> |
| + | 6. बसंत ने राजकिशोर को छलनी खरीदने के लिए किस तरह प्रेरित किया?<br> |
| + | उत्तर : साहब छलनी लीजिए। दूध छानिए, चाय छानिए... सिर्फ दो आना कीमत है। जब राजकिशोर |
| + | के द्वारा मना करने पर बसंत (रुआँ-सा) होकर कहता है कि ‘‘साहब, सबेरे से अब तक कुछ |
| + | नहीं बिका। आपसे आशा थी। साहब ! एक तो ले लीजिए। इस प्रकार बसंत ने राजकिशोर को |
| + | छलनी खरीदने के लिए प्रेरित किया।<br> |
| + | 7. बसंत के पैर देखकर डॉक्टर ने क्या कहा?<br> |
| + | उत्तर : बसंत के पैर देखकर डॉक्टर ने कहा की शायद पैर की हड्डी टूट गई है। इसलिए उसे |
| + | अस्पताल ले जाकर पैर का स्क्रीन करके देखना होगा।<br> |
| + | |
| + | '''इ. चार-छ: वाक्यों में उत्तर लिखिए :'''<br> |
| + | |
| + | 1. बसंत ईमानदार लड़का है। कैसे?<br> |
| + | उत्तर : बसंत मुफ्त के पैसे को भीख समझता था। इसलिए वह राजकिशोर से मुफ्त में पैसे लेने |
| + | से इनकार करता है। छलनी खरीदने के बाद राजकिशोर ने एक रुपये का नोट बसंत को |
| + | दिया। बसंत उस नोट को भुनाने के लिए बाज़ार की ओर गया। लेकिन वापस आते समय |
| + | मोटर दुर्घटना से उसके दोनो पैर कुचले गये। इस लिए वह राजकिशोर के पास न लौट सका। |
| + | जब उसे होश आया तो उसने तुरंत अपने भाई प्रताप को पैसे लौटाने के लिए राजकिशोर के |
| + | यहाँ भेजा। इस घटना से हमे लगता है कि बसंत ईमानदार भी है और स्वाभिमानी भी।<br> |
| + | 2. बसंत और प्रताप अहीर के घर क्यों रहते थे?<br> |
| + | उत्तर : बसंत और प्रताप के माँ-बाप को किसी ने दंगों में मार डाला था। अत: उनके परिवार वे दो |
| + | भाई ही बचे थे। भीखू अहीर के घर में इनका पालन-पोषण हो रहा था। इसलिए वे दोनों |
| + | अहीर के घर में रहते थे।<br> |
| + | 3. राजकिशोर के मानवीय व्यहार का परिचय दीजिए।<br> |
| + | उत्तर : पं. राजकिशोर ने बसंत की याचना सुनकर उसे मुफ्त में दो पैसे देने के लिए तैय्यार |
| + | होते हैं। जब उस बालक के द्वारा मना करने पर उसकी छलनी खरीद लेते हैं। मोटर दुर्घटना |
| + | की खबर सुनते ही डॉक्टर को बुलाकर बसंत के घर जाते हैं और उसका उपचार करवाते हैं। |
| + | इसतरह गरीब बालक के प्रति हमदर्दी दिखाते हुए आदर के साथ मानवीय व्यवहार दर्शाते हैं। <br> |
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| + | '''ई. किसने कहा? किससे कहा?'''<br> |
| + | 1. “नहीं साहब, नहीं। मैं पैसे नहीं लूँगा।”<br> |
| + | प्रस्तुत वाक्य को बसंत ने पं. राजकिशोर से कहा।<br> |
| + | 2. “आप क्या कर रहे हैं? मैं गरीब हूँ।”<br> |
| + | प्रस्तुत वाक्य को बसंत ने पं. राजकिशोर से कहा।<br> |
| + | 3. “आज दोपहर को उसने आपको एक छलनी बेची थी।”<br> |
| + | प्रस्तुत वाक्य को बसंत के छोटे भाई प्रताप ने पं. राजकिशोर से कहा। <br> |
| + | |
| + | '''उ. रिक्त स्थान भरिए :'''<br> |
| + | 1. मैं अभी बाज़ार से भुना लाता हूँ।<br> |
| + | 2. मैं आपके साढ़े चौदह आने लाया हूँ।<br> |
| + | 3. हम दोनों भीखू अहीर के घर में रहते हैं।<br> |
| + | 4. मैं एम्बुलेंस के लिए फोन कर आता हूँ।<br> |
| + | 5. इसमें एक दुर्लभ गुण है, यह ईमानदार है।<br> |
| + | |
| + | '''ऊ. निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार लिखिए :''' |
| + | 1. एक छलनी में तुम्हें क्या बचेगा ? (वर्तमानकाल में)<br> |
| + | एक छलनी में तुम्हे क्या बचता है।<br> |
| + | 2. मैं अभी बाज़ार से भुना लाता हूँ। (भूतकाल में)<br> |
| + | मैने अभी बाज़ार से भुना लाया।<br> |
| + | 3. एक दूसरे व्यक्ति से पूछता है। (भविष्यतकाल में)<br> |
| + | एक दूसरे व्यक्ति से पूछेगा।<br> |
| + | |
| + | '''ऋ. विलोमार्थक शब्द लिखिए :'''<br> |
| + | {| class="wikitable" |
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| + | |1. पीछे x आगे||3. लेना x देना |
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| + | |2. खरीदना x बेछना||4. आना x जाना |
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| + | |5. शांति x अशांति||6. गरीब x अमीर |
| + | |} |
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| + | =भाषा गतिविधियों / परियोजनाओं= |
| + | विष्णु प्रभाकर के अन्य एकांकियो की सूची बनाइए और किसी एक एकांकी का सार संक्षिप्त करें| |
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| + | =पाठ प्रतिक्रिया= |