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| =मुख्य उद्देष्य= | | =मुख्य उद्देष्य= |
| + | इस कविता मे भगवान से विनती करते है कि भूखे किसानो को अन्न दो, विश्व-जन मे पियूश भर दो तथा बुझते दीपो के तन-मन मे प्रकाश भरने के लिए स्नेह (तेल) दो, ताकि सारा जगत सुखी हो एव रात-दिन हमेशा शुभ हो। |
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| =कवि परिचय= | | =कवि परिचय= |
| =अतिरिक्त संसाधन= | | =अतिरिक्त संसाधन= |