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=अतिरिक्त संसाधन=
 
=अतिरिक्त संसाधन=
 
=सारांश=
 
=सारांश=
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इस कविता को पढने के लिये यहाँ [http://www.ktbs.kar.nic.in/New/Textbooks/class-x/language/hindi-3/class-x-language-hindi-3-chapter11.pdf क्लिक कीजिये।]
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=परिकल्पना=
 
=परिकल्पना=
 
==शिक्षक के नोट==
 
==शिक्षक के नोट==
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==व्याकरण / सजावट / पिंगल==
 
==व्याकरण / सजावट / पिंगल==
 
=मूल्यांकन=
 
=मूल्यांकन=
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'''I.  मौखिक प्रश्न :'''<br>
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1. आज की दुनिया कैसी है ?<br>
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उत्तर :- आज की दिनिया विचित्र और नवीन है ।<br>
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2. मानव के हुक्म पर क्या चढ़ता और उतरता है ?<br>
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उत्तर :- मानव के हुक्म पर पवन का ताप चढ़ता और उतरता है ।<br>
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3. परमाणु किसे देखकर काँपते हैं ?<br>
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उत्तर :- परमाणु मनुष्य के करों को देखकर काँपते हैं ।<br>
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'''II. लिखित प्रश्न :'''<br>
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अ. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :<br>
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1. ‘अभिनव मनुष’ कविता के कवि का नाम लिखिए ।<br>
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उत्तर :- ‘अभिनव मनुष’ कविता के कवि का नाम है रामधारीसिंह दिनकर ।<br>
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2. आधुनिक पुरुष ने किस पर विजय पायी है ?<br>
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उत्तर :- आधुनिक पुरुष ने प्रकृति के हर तत्व पर विजय पायी है ।<br>
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3. नर किन-किन को एक समान लाँघ सकता है ?<br>
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उत्तर :- नर नदी, पहाड तथा समुद्र को एक समान लाँघ सकता है ।<br>
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4. आज मनुज का यान कहाँ जा रहा है ?<br>
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उत्तर :- आज मनुज का यान गगन में जा रहा है ।<br>
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'''आ. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :'''<br>
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1. ‘प्रकृति पर सर्वत्र है विजयी पुरुष आसीन’ – इस पंक्ति का आशय समझाइए ।<br>
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उत्तर :- इस पंक्ति का आशय है कि आज के मानव ने प्रकृति के हर तत्व पर (आकाश, पाताल, धरती) विजय प्राप्त कर ली है। अर्थात प्रकृति को अपने नियंत्रण में रखा है ।<br>
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2. दिनकर जी के अनुसार मानव का सही परिचय क्या है ?<br>
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उत्तर :- दिनकर जी के अनुसार जो मानव आपस में भाई-चारा बढ़ाये तथा दूसरे मानव से प्रेम का 
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रिश्ता जोड़कर आपस की दूरी को मिटाए वही सच्चा ज्ञानी, विदवान एवं मानव कहलाने का
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अधिकारी है ।<br>
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3. अभिनव मनुष्य कविता का दूसरा कौन-सा शीर्षक हो सकता है ? क्यों ?<br>
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उत्तर :- इस कविता का दूसरा शीर्षक हो सकता है – ‘प्रकृति पुरुष’। क्यों कि मनुष्य ने लगभग
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प्रकृति के हर तत्व पर अपने प्रयासों से विजय प्राप्त कर ली है । <br>
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'''इ. भावार्थ लिखिए :'''<br>
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भावार्थ :<br>
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कवि रामधारीसिंह दिनकर कहते हैं कि यह मनुष्य सृष्टि का श्रृंगार, ज्ञान और विज्ञान तथा
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आलोक का आगार है । आकाश से पाताल तक की सब-कुछ जानकारी इसे है । परंतु यह
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उसका सही परिचय नहीं है और न ही उसका श्रेय है ।<br>
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'''ई. तुकांत शब्दों के लिए उदाहरण :'''
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1. भाप – ताप<br>
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2. व्यवधान - अवसान<br>
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3. श्रृंगार – आगार<br>
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4. ज्ञय  - श्रेय<br>
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5. जीत - प्रीत<br>
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=भाषा गतिविधियों / परियोजनाओं=
 
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=पाठ प्रतिक्रिया=
 
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