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सुनहु कान्ह बलभद्र चबाई जनमत ही को धूत |<br>
 
सुनहु कान्ह बलभद्र चबाई जनमत ही को धूत |<br>
 
‘सूर' स्याम मोहिं गोधन की सौं हौं माता तू पूत||<br>
 
‘सूर' स्याम मोहिं गोधन की सौं हौं माता तू पूत||<br>
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='''शब्दार्थ'''=
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मैया = माँ            के मारे = के कारण          चबाई = चुगलखोर
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