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='''उद्देश्य'''=
='''उद्देश्य'''=
''''सामान्य उद्देश्य''''
''''सामान्य उद्देश्य''''
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कविता के द्वारा हिंदी साहित्य् के प्रति रूचि उत्पन्न् कराना |<br>
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''''विशिष्ट उद्देश्य्''''
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छात्रों में पारस्परिकता, सेवा,सहनशीलता, आदि मानवीय् मूल्यों को जगाना |<br>
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='''कविता का आशय'''=
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सेवा, परोपकार्, त्याग , सहनशीलता, दॄढ्ता आदि जीवन् मूल्यों को अपनाने का स्ंदेश् |<br>
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='''कवि परिचय'''=
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द्वारिका प्रसाद् माहेश्वरी<br>
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जन्म्: १९१६<br>
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स्थान्: उत्तर् प्र् देश् के आग्र के रोहता ग्र् म मे हुआ|<br>
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पुरस्कार्:बालसाहित्य् पुरस्कार् ,सरस्वती साधना सम्मान<br>
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रचनाएँ: कविता संग् :फूल् और् शूल्, ख़्ंड् काव्य् :कौंच् वध्, सत्य् की जी
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बाल काव्य कॄतियाँ ,वीर तुम बडे चलो,हम सब सुमन एक उपवन के , सोने की कुल्हाडी , कातो और गाओ ,सूरज सा चमकूँ मैं ,बाल् गीतायन |<br>
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='''पद्य् के प्र् मुख़ आधार् बिंदु'''=
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१. प्र् कृति के विभिन्न आयामों को पहचानना |<br>
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२.उनमें निहित गुणों को अपनाना |<br>
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३.प्राकॄतिक गुणों की प्रश्ंसा |<br>
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४.भाषाई कौशल् :सुनना , बोलना |<br>
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१. कविता का सस्वर् वाचन | <br>
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२.दॄश्य व्य माद्यमों का प्र् योग <br>
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भाषाई कौशल : पढना, लिख़ना<br>
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भाषिक विचार् : १. नये शब्दों का अर्थ | <br>
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५पूरक साहित्य :१ अन्य बाल कविताएँ |<br>
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२.द्वारिका प्र् साद्जी की जीवनी |<br>
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६. सहायक् सामाग्रियाँ: १.द्वारिका प्र् साद् माहेश्वरीजी का भावचित्र |<br>
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२.पद्य से संब्ंधित दॄश्यावली<br>
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३.प्र् श्न् तालिका |<br>
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७. उपयुक्त अन्य् गतिविधियाँ: १कविता का गायन् | <br>
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२.भावार्थ् लिखाना | <br>