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| =अतिरिक्त संसाधन= | | =अतिरिक्त संसाधन= |
| =सारांश= | | =सारांश= |
| + | तुलसीदास के दोहे पढने के लिये यहाँ [http://www.ktbs.kar.nic.in/New/Textbooks/class-x/language/hindi-3/class-x-language-hindi-3-chapter13.pdf क्लिक कीजिये।] |
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| =परिकल्पना= | | =परिकल्पना= |
| ==शिक्षक के नोट== | | ==शिक्षक के नोट== |
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| ==व्याकरण / सजावट / पिंगल== | | ==व्याकरण / सजावट / पिंगल== |
| =मूल्यांकन= | | =मूल्यांकन= |
| + | '''I. मौखिक प्रश्न:'''<br> |
| + | 1. तुलसीदास मुख को क्या मानते हैं ?<br> |
| + | उत्तर :- तुलसीदास मुख को मुखिया मानते हैं ।<br> |
| + | 2. मुखिया को किसके समान रहना चाहिए ?<br> |
| + | उत्तर :- मुखिया को मुँह के समान रहना चाहिए ।<br> |
| + | 3. हंस का गुण कैसा होता है ?<br> |
| + | उत्तर :- हंस पानी को छोडकर सिर्फ दूध को अपनाता है ।<br> |
| + | 4. मुख किसका पालन-पोषण करता है ?<br> |
| + | उत्तर :- मुख शरीर के सारे अंगों का पालन-पोषण करता है ।<br> |
| + | 5. दया किसका मूल है ?<br> |
| + | उत्तर :- दया धर्म का मूल है ।<br> |
| + | |
| + | '''II. लिखित प्रश्न:'''<br> |
| + | अ. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :<br> |
| + | 1. तुलसीदास किस शाखा के कवि हैं ?<br> |
| + | उत्तर :- तुलसीदास रामभक्ति शाखा के कवि हैं ।<br> |
| + | 2. तुलसीदास के माता-पिता का नाम क्या था ?<br> |
| + | उत्तर :- तुलसीदास के पिता का नाम आत्माराम और माता का नाम हुलसी था ।<br> |
| + | 3. तुलसीदास के बचपन का नाम क्या था ?<br> |
| + | उत्तर :- तुलसीदास के बचपन का नाम रामबोला था ।<br> |
| + | 4. पाप का मूल क्या है ?<br> |
| + | उत्तर :- पाप का मूल अभिमान है ।<br> |
| + | 5. तुलसीदास के अनुसार विपत्ति के साथी कौन हैं ?<br> |
| + | उत्तर :- तुलसीदास के अनुसार विपत्ति के साथी विध्या, विनय और विवेक हैं ।<br> |
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| + | |
| + | '''आ. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए:'''<br> |
| + | 1. मुखिया को मुख के समान होना चाहिए। कैसे?<br> |
| + | उत्तर :- जिस प्रकार मुँह खाने-पीने का काम अकेला करता है और उससे ही शरीर के सारे |
| + | अंगों का पालन-पोषण होता है। उसी प्रकार मुखिया को विवेकवान होकर सबके हित |
| + | में काम करना चाहिए ।<br> |
| + | 2. मनुष्य को हंस की तरह क्या करना चाहिए ?<br> |
| + | उत्तर :- जैसे हंस पानी को त्याग कर दूध को स्वीकार लेता है। उसी प्रकार मनुष्य को भी |
| + | संसार में निहित दोषों एवं विकारों को छोडकर दूध रुपी अच्छे गुणों को अपनाना चाहिए ।<br> |
| + | 3. मनुष्य के जीवन में प्रकाश कब फैलता है ?<br> |
| + | उत्तर :- राम नाम को जपने से मानव की आंतरिक और बाह्य शुध्दि होती है, ऐसे करने से |
| + | मनुष्य के जीवन में चारों ओर प्रकाश फैलता है ।<br> |
| + | |
| + | '''इ. भावार्थ लिखिए:'''<br> |
| + | 1. मुखिया मुख सों चाहिए, खान पान को एक ।<br> |
| + | पालै पोसै सकल अँग, तुलसी सहित विवेक ॥<br> |
| + | भावार्थ :- <br> |
| + | तुलसीदास मुख और मुखिया के स्वभाव की समानता बताते हुए कहते हैं कि जिस प्रकार मुँह |
| + | खाने-पीने का काम अकेला करता है और उससे ही शरीर के सारे अंगों का पालन-पोषण होता |
| + | है। उसी प्रकार मुखिया को विवेकवान होकर सबके हित में काम करना चाहिए ।<br> |
| + | |
| + | 2. तुलसी साथी विपत्ति के विध्या विनय विवेक ।<br> |
| + | साहस सुकृति सुसत्यव्रत राम भरोसो एक ॥<br> |
| + | भावार्थ :- <br> |
| + | प्रस्तुत दोहे में तुलसीदास कहते हैं कि जब मनुष्य पर संकट आता है तो तब विद्या, विनय |
| + | और विवेक ही उसका साथ निभाते हैं। जो व्यक्ति राम पर भरोसा करता है, वह साहसी, |
| + | सत्यव्रती और सुकृतवान बनता है।<br> |
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| =भाषा गतिविधियों / परियोजनाओं= | | =भाषा गतिविधियों / परियोजनाओं= |
| =पाठ प्रतिक्रिया= | | =पाठ प्रतिक्रिया= |