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अप् + मय = अम्मय<br>
 
अप् + मय = अम्मय<br>
 
+
3.म् के साथ क से म तक के किसी भी<br>
'''3.म् के साथ क से म तक के किसी भी'''<br>
   
वर्ण के मेल पर ‘म्’ के<br>
 
वर्ण के मेल पर ‘म्’ के<br>
 
स्थान पर मिलने<br>
 
स्थान पर मिलने<br>
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विच्छेद<br>
 
विच्छेद<br>
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अलंकार = अलम् + कार<br>
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शंकर = शम् + कर<br>
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संगठन = सम् + गठन<br>
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अपवाद<br>
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सम् + करण = संस्करण<br>
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सम् + कृत = संस्कृत<br>
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सम् + कार = संस्कार<br>
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सम् + कृति = संस्कृति<br>
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म् + च, छ, ज, झ, ञ<br>
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सम् + चय = संचय<br>
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किम् + चित् = किंचित<br>
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सम् + जीवन = संजीवन<br>
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विच्छेद<br>
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किंचन = किम् + चन<br>
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 +
मृत्युंजय = मृत्युम् + जय<br>
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संचालन = सम् + चालन<br>
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म् + ट, ठ, ड, ढ, ण<br>
 +
 +
दम् + ड = दण्ड/दंड<br>
 +
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खम् + ड = खण्ड/खंड<br>
 +
 +
म् + त, थ, द, ध, न<br>
 +
 +
सम् + तोष = सन्तोष/संतोष<br>
 +
 +
किम् + नर = किन्नर<br>
 +
 +
सम् + देह = सन्देह<br>
 +
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विच्छेद<br>
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सन्ताप/संताप = सम् + ताप<br>
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धुरन्धर = धुरम् + धर<br>
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म् + प, फ, ब, भ, म<br>
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सम् + पूर्ण = सम्पूर्ण/संपूर्ण<br>
 +
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सम् + भव = सम्भव/संभव<br>
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विच्छेद<br>
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विश्वम्भर = विश्वम् + भर<br>
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सम्भावना = सम् + भावना<br>
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4.म् के साथ य, र, ल, व, श, ष, स, ह में से किसी भी वर्ण के
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मेल पर ‘म्’ के स्थान पर अनुस्वार ही लगेगा।<br>
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सम् + योग = संयोग<br>
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सम् + रचना = संरचना<br>
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सम् + लग्न = संलग्न<br>
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सम् + वत् = संवत्<br>
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सम् + शय = संशय<br>
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सम् + हार = संहार<br>
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विच्छेद<br>
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संयोजना = सम् + योजना<br>
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संविधान = सम् + विधान<br>
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 +
संसर्ग = सम् + सर्ग<br>
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संश्लेषण = सम् + श्लेषण<br>
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5. त् या द् के साथ च या छ के मेल पर
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त् या द् के स्थान पर च् बन जायेगा।<br>
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उत् + चारण = उच्चारण<br>
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शरत् + चन्द्र = शरच्चन्द्र<br>
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उत् + छिन्न = उच्छिन्न<br>
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विच्छेद<br>
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वृहच्चयन = वृहत् + चयन<br>
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उच्छेद = उत् + छेद<br>
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विद्युच्छटा = विद्युत् + छटा<br>
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6. त् या द् के साथ ज या झ के मेल पर त् या द् के स्थान पर ज् बन जायेगा<br>
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सत् + जन = सज्जन<br>
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जगत् + जीवन = जगज्जीवन<br>
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वृहत् + झंकार = वृहज्झंकार<br>
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विच्छेद<br>
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उज्ज्वल = उत् + ज्वल<br>
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यावज्जीवन = यावत् + जीवन<br>
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महज्झंकार = महत् + झंकार<br>
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7. त् या द् के साथ ट या ठ के मेल पर त् या द् के स्थान पर ट् बन जायेगा ।<br>
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तत् + टीका = तट्टीका<br>
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वृहत् + टीका = वृहट्टीका<br>
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(अपपप) त् या द् के साथ ‘ड’ या ढ के मेल पर त् या द् के स्थान<br>
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पर ‘ड्’<br>
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बन जायेगा<br>
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उत् + डयन = उड्डयन<br>
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भवत् + डमरू = भवड्डमरू<br>
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8. त् या द् के साथ ल के मेल पर त् या द् के स्थान पर ‘ल्’ बन जायेगा।<br>
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उत् + लास = उल्लास<br>
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तत् + लीन = तल्लीन<br>
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विद्युत् + लेखा = विद्युल्लेखा<br>
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विच्छेद<br>
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उल्लंघन = उत् + लंघन<br>
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भगवल्लीन = भगवत् + लीन<br>
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उल्लेख = उत् + लेख<br>
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9. त् या द् के साथ ‘ह’ के मेल पर त् या द् के स्थान पर द् तथा ह के स्थान पर<br>
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ध बन जाता है जैसे<br>
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उत् + हार = उद्धार/उद्धार<br>
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उत् + हृत = उद्धृत/उद्धृत<br>
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पद् + हति = पद्धति<br>
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विच्छेद<br>
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तद्धित = तत् + हित<br>
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उद्धरण = उत् + हरण<br>
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10. ‘त् या द्’ के साथ ‘श’ के मेल पर त् या द् के स्थान पर ‘च्’ तथा ‘श’ के स्थान पर ‘छ’ बन जाता है<br>
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उत् + श्वास = उच्छ्वास<br>
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उत् + शृंखल = उच्छृंखल<br>
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शरत् + शशि = शरच्छशि<br>
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विच्छेद<br>
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उच्छिष्ट = उत् + शिष्ट<br>
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सच्छास्त्र = सत् + शास्त्र<br>
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11. किसी भी स्वर के साथ ‘छ’ के मेल पर स्वर तथा ‘छ’ के बीच ‘च्’ का आगमन हो जाता है<br>
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आ + छादन = आच्छादन<br>
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अनु + छेद = अनुच्छेद<br>
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शाला + छादन = शालाच्छादन<br>
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स्व + छन्द = स्वच्छन्द<br>
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विच्छेद<br>
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परिच्छेद = परि + छेद<br>
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विच्छेद = वि + छेद<br>
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तरुच्छाया = तरु + छाया<br>
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एकच्छत्र = एक + छत्र<br>
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12. अ या आ के अतिरिक्त अन्य किसी स्वर के साथ ‘स’ के मेल पर ‘स’ के स्थान पर ‘ष’ बन जायेगा।<br>
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वि + सम = विषम<br>
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अभि + सिक्त = अभिषिक्त<br>
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अनु + संग = अनुषंग<br>
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विच्छेद<br>
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अभिषेक = अभि + सेक<br>
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सुषुप्त = सु + सुप्त<br>
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निषेध = नि + सेध<br>
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विषाद = वि + साद<br>
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अपवाद<br>
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वि + सर्ग = विसर्ग<br>
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अनु + सार = अनुसार<br>
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वि + सर्जन = विसर्जन<br>
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वि + स्मरण = विस्मरण<br>
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13. यदि किसी शब्द में कही भी ऋ, र या ष हो एवं उसके साथ मिलने वाले शब्द में कहीं भी ‘न’ हो तथा उन दोनों के बीच कोई भी स्वर,
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क, ख ग, घ, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व में से कोई भी वर्ण हो तो सन्धि होने पर ‘न’ के स्थान पर ‘ण’ हो जायेगा।<br>
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राम + अयन = रामायण<br>
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परि + नाम = परिणाम<br>
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नार + अयन = नारायण<br>
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विच्छेद<br>
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प्रसारण = प्रसार + न<br>
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उत्तरायण = उत्तर + अयन<br>
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मृण्मय = मृत् + मय<br>
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क्रीड़ांगण = क्रीड़ा + अंगन<br>
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(गअ) द् के साथ क, ख, त, थ, प, फ, श, ष, स, ह के मेल पर द् के स्थान पर त् बन जाता है<br>
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संसद् + सदस्य = संसत्सदस्य<br>
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तद् + पर = तत्पर<br>
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सद् + कार = सत्कार<br>
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