Difference between revisions of "गिल्लू (रेखाचित्र)"
Line 8: | Line 8: | ||
=अतिरिक्त संसाधन= | =अतिरिक्त संसाधन= | ||
+ | |||
+ | गिलहरियो कि तस्वीरे देखने के लिये यहाँ [https://www.google.co.in/search?hl=en&site=imghp&tbm=isch&source=hp&biw=1366&bih=659&q=squirrel&oq=sq&gs_l=img.3.0.0l10.4024.4246.0.6388.2.2.0.0.0.0.345.345.3-1.1.0....0...1ac.1.64.img..1.1.343.jbDn9dTmVaM#imgrc=iC5EY7_kv47NJM%3A क्लिक कीजिये] | ||
+ | |||
कविता कोश: यहाँ [http://kavitakosh.org/kk/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B5%E0%A5%80_%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE क्लिक कीजिये] | कविता कोश: यहाँ [http://kavitakosh.org/kk/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B5%E0%A5%80_%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE क्लिक कीजिये] | ||
Revision as of 09:34, 9 May 2016
परिकल्पना नक्षा
पृष्ठभूमि/संधर्भ
मुख्य उद्देष्य
लेखक का परिचय
महादेवी वर्मा (२६ मार्च १९०७ — ११ सितंबर १९८७) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती हैं। आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है। कवि निराला ने उन्हें “हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती” भी कहा है। महादेवी ने स्वतंत्रता के पहले का भारत भी देखा और उसके बाद का भी। वे उन कवियों में से एक हैं जिन्होंने व्यापक समाज में काम करते हुए भारत के भीतर विद्यमान हाहाकार, रुदन को देखा, परखा और करुण होकर अन्धकार को दूर करने वाली दृष्टि देने की कोशिश की। न केवल उनका काव्य बल्कि उनके सामाजसुधार के कार्य और महिलाओं के प्रति चेतना भावना भी इस दृष्टि से प्रभावित रहे। उन्होंने मन की पीड़ा को इतने स्नेह और शृंगार से सजाया कि दीपशिखा में वह जन-जन की पीड़ा के रूप में स्थापित हुई और उसने केवल पाठकों को ही नहीं समीक्षकों को भी गहराई तक प्रभावित किया।
सौर्स: यहाँ क्लिक कीजिये
अतिरिक्त संसाधन
गिलहरियो कि तस्वीरे देखने के लिये यहाँ क्लिक कीजिये
कविता कोश: यहाँ क्लिक कीजिये
सारांश
सारांश सुन्नि के लिये यहाँ क्लिक कीजिये
परिकल्पना
शिक्षक के नोट
गतिविधि
- विधान्/प्रक्रिया
- समय
- सामग्री / संसाधन
- कार्यविधि
- चर्चा सवाल